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Afsana Khan/Jaanihuatong
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हो हम बड़े थे मासूम

बे-लिहाज़ बन गये

हम बड़े थे मासूम

बे-लिहाज़ बन गये

हो हम बड़े थे मासूम

बे-लिहाज़ बन गये

हम बड़े थे मासूम

बे-लिहाज़ बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो हम बड़े थे मासूम

अरे कोई नहीं इस दुनिया में

दिल जिसने अपना तोडा नहीं

हमें गैरों ने भी लूटा है

और अपनों ने भी छोड़ा नहीं

अरे कोई नहीं इस दुनिया में

दिल जिसने अपना तोडा नहीं

हमें गैरों ने भी लूटा है

और अपनों ने भी छोड़ा नहीं

हम लोगों के लिए तो

स्वाद बन गये

हम लोगों के लिए तो

स्वाद बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो हम बड़े थे मासूम

हो जन्नत में रहने वालों के

जहनुम में सवेरे है

हो मैंने रंग बदलने सीख लिए

अब मेरे भी लाखों चेहरे है

जन्नत में रहने वालों के

जहनुम में सवेरे है

हो मैंने रंग बदलने सीख लिए

अब मेरे भी लाखों चेहरे है

मेरे भी लाखों चेहरे है

वो हम कल नहीं थे

जो आज बन गये

हाँ मेरी इज़्ज़त पे जानी जी

दाग बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो धोखेबाज़ों में रह रह के

धोकेबाज़ बन गये

हो हम बड़े थे मासूम

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