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तेरी याद दिलाए तेरा चेहरा दिखाए

ऐसी लिख़्ड़ऊ गाज़ल मैं कोई

मई सोया इक चैन की नींद से

अब उतना नही है मेरा सपना बदले ना कोई

तू हो सके तो आए कभी आए कभी आए

अभी आए मेरी आँखों में तू तो ठहरे सही

तो दिन बॅन जाए, हो समंदर मॅन

मेरा उचलहे मगन जैसे लहरे हो कोई

तेरी हसरत जो मैने की इश्क़ हुआ हैं पहले भी

पर दिन दुगना बेहतर लगे ऐसा हुआ पहले कभी, नो!

सो-बट्ट जो पहले थी, ई लीके थे वे योउ पिक्चर मे

तेरी हसी ज़ीनत तेरी तस्वीरों में नो-फिल्टर प्लीज़

दुआ है, तू रह हिफ़ाज़त संग मेरे हुमेशा ही

हुआ है, बीते रिलेशन्षिप में ना खुश दोनो ही

मेरी खामोशी कहती क्या तू भी बोलें इशारों में

ख्वाइश कलंदर की लेती पँहा तेरी हे आँखों में

हन, याद दिलाए तेरा चेहरा दिखाए

मेरा सब कुछ लगता तू ही

तू हो रही बेचैन, दिलो में मेरी नज़म वही है

मेरा क़ाफ़िया रदीफ़ भी तू ही

तू हो सके तो आए, बॅन हवायें च्छुके जाए

हम यहा है मेरी बाहों में तू ठहरे तो सही

यह मुश्किले भी क्या है मुस्कुराए हुमनावा है

मेरे साए मेरे मॅन में अंधेरे ना कोई

इश्क़ कहते जिसे फ़लसफ़े में हूमें सब पता है जानम

मेरा बेस्ट दे है, तेरी हसरातों में तुझे क्या टा है जानम?

रब तक गया है मेरी अर्ज़ियाँ भी सुनके लिखे यह आमद

तेरा इतरर भी कोई कुछ कह मुझे दे रहा इजाज़त

ना-सिलाह माँगता दुनिया से जो कर लूँ में तुमको हासिल

हुमनावा यहाँ है काफ़ी पर तू हे लगता हैं काबिल

में तो कर रहा इबादत तुझको रखें हिफ़ाज़त

तू शामिल है मुझमें ऐसी ऐसे, करती तू ज़िंदगी कामिल!

तेरी याद दिलाए तेरा चेहरा दिखाए

ऐसी लिख़्ड़ऊ गाज़ल मैं कोई

मई सोया इक चैन की नींद से

अब उतना नही है मेरा सपना बदले ना कोई

तू हो सके तो आए कभी आए कभी आए

अभी आए मेरी आँखों में तू तो ठहरे सही

तो दिन बॅन जाए, हो समंदर मॅन

मेरा उचलहे मगन जैसे लहरे हो कोई

तू करती ज़िद है, में दिन देता हू गिन के

ये दूरिया बी सीन है, यह इंतेहाँ हैं फिरसे

बिस्मिल यह पल है, तू ही मेरा सफ़र है

तू कर यकीन मेरा, तेरी खुशी मंज़िल है

हन, याद दिलाए

मेरा सब कुछ लगता तू ही

मेरा क़ाफ़िया रदीफ़ भी तू ही

Kaamil لـ munawar faruqui - الكلمات والمقاطع