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क़ुरबाँ हुआ तेरे तिश्नगी में यूँ

क़ुरबाँ हुआ तेरी आशिक़ी में यूँ

बेख़ुदी में, बेकली में, बेकसी में हुआ

तुझको हर दुआ दी, और दग़ा भी, और फ़ना हुआ

क़ुरबाँ हुआ, क़ुरबाँ हुआ

अदा पे, वफ़ा पे, जफ़ा पे

क़ुरबाँ हुआ, क़ुरबाँ हुआ, हो

रू-ब-रू तू, मगर तन्हा है ये जहाँ, हो, woah

जल उठे मेरी कुफ़्र से साँसों का ये समाँ, हो, woah

क्या हुआ, पल में जाने खो गया क्यूँ

तू मिला और ज़ुदा ईमाँ हुआ यूँ

हो, बेख़ुदी में, बेकली में, बेकसी में हुआ

तुझको हर दुआ दी, और दग़ा भी, और फ़ना हुआ

क़ुरबाँ हुआ, क़ुरबाँ हुआ

अदा पे, वफ़ा पे, जफ़ा पे

क़ुरबाँ हुआ, क़ुरबाँ हुआ, हो

मरने का सबब माँगता रहा दर-बदर

मिटने को तो दिल पल में राज़ी हुआ

पूरी हुई हर आरज़ू, हर दास्ताँ मेरी

कि तुम शुरू हुए जहाँ, मैं ख़तम हुआ

क़ुरबाँ हुआ, क़ुरबाँ हुआ

अदा पे, वफ़ा पे, जफ़ा पे

क़ुरबाँ हुआ, क़ुरबाँ हुआ, हो

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