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الكلمات
दोस लगाए

बैरिया रतिया रे

झूठे डराए

बैरिया रतिया रे चोट लगाए

बैरिया रतिया

मैं जौन जहाँ

रोके टोक रतिया

पराई सी होके कोसे रतिया

कारी घनी

खुद है मगर

मुझ पे ही उंगली उठाए रतिया

दोस लगाए लगाए

बैरिया रतिया रे

झूठे डराए

बैरिया रतिया रे

क्यूँ रे चंदा बावारे

क्यूँ आए यहाँ

क्यूँ झरोके से मुझे

सताए यहाँ जा, रे जा

लौट जा क्यूँ रे चंदा बावारे

क्यूँ आए यहा कौन रातों में तुझे

बुलाए यहाँ

मिला क्या तुझे

रतिया तले

है दाग लगा

सदियों का रे

जले

मगर

काहे

चाँदानिया

जा छलिया

मैं जाऊ जहाँ

रोके टोके रतिया

पराई सी होके

कोसे रतिया

कारी घनी

खुद है मगर

मुझ पे ही

उंगली उठाए रतिया

दोस लगाए

लगाए

बैरिया रतियाँ रे

झूठे डराए

बैरिया रतिया

Dos لـ Siddharth Pandit/Alok Ranjan Srivastava/Bhavya Pandit - الكلمات والمقاطع