आँख खुली जब से है ये जाना
ख्वाब है दुनिया दिल है ठिकाना
सो जाता है जब ये ज़माना
जागता हूँ लिखता हूँ फसाना
तुझ को ढूँदने की तलाश में हाल ए दिल का ये होगया
जितनी ख्वाहिशें जितनी अर्ज़ियाँ सबको दिल से मेने खो दिया
लोग जो समझते मुझे थे वो हर लीभास मेने खो दिया
मह की आग में क़ैद दिल रहा देख पिंजरा खुल गया (खुल गया)
डूबने दे मुझे इश्क़ में
डूबने दे मुझे इश्क़ में
इश्क़ में तेरी यू फ़ना होवा खोज में तेरी जल गया
दर बदर फिरा दरवाज़ों पे रास्ता तेरा मिल गया
गमजदा ना हो अलविदा पे यून ख्वाब है हक़ीक़त नही
हर घडी है नज़दीक़ मोत के काइया लिया काइया तूने खो दिया
मस्जिदों में तू ना मिला मुझे आफ़तों में तू मिल गया
हर जगा तेरी मोसिकी है तेरे रंग में ढल गया
चल बसी है ये ज़िंदगी मेरी इस जहाँ की दौड़ में
तुजको खुश नही रख सकों गा में डूबनе ने दे मुझे इश्क़ में (इश्क़ न)
डूबने दे मुझे इश्क़ में
डूबने दे मुझे इश्क़ में
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना तानानाना रे ओम तुम ता नननाना तानानाना रे
ओम तुम ता नननाना
चल बसी है ये ज़िंदगी मेरी इस जहाँ की डोरह में,
तुजको खुश नही रख सकूँ गा में
डूबने दे मुझे इश्क़ में
ल बसी है ये ज़िंदगी मेरी इस जहाँ की डोरह में,
तुजको खुश नही रख सकूँ गा में
डूबने दे मुझे इश्क़ में
चल बसी है ये ज़िंदगी मेरी इस जहाँ की डोरह में,
तुजको खुश नही रख सकूँ गा में
डूबने दे मुझे इश्क़ में (ता नननाना तानानाना रे ओम तुम ता नननाना)