कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा, चेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी हम भी वहीं, मौजूद थे हम भी वहीं, मौजूद थे हम से भी सब पुछा किए हम भी वहीं, मौजूद थे हम से भी सब पुछा किए हम हंस दिए, हम चुप रहे हम हंस दिए, हम चुप रहे मंज़ूर था परदा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी इस शहर में किस्से मिलें इस शहर में किस्से मिलें हम से तो छूटी महफिलें इस शहर में किस्से मिलें हम से तो छूटी महफिलें हर शख्स तेरा नाम ले हर शख्स तेरा नाम ले हर शख्स दीवाना तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कूचे को तेरे छोड़ कर कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जायें मगर कूचे को तेरे छोड़ कर कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जायें मगर जंगल तेरे, पर्वत तेरे जंगल तेरे, पर्वत तेरे बस्ती तेरी, सेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी बेदर्द सुन्नी हो तो चल बेदर्द सुन्नी हो तो चल कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल बेदर्द सुन्नी हो तो चल कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल आशिक तेरा, रुसवा तेरा आशिक तेरा, रुसवा तेरा शायर तेरा, इंशा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा, चेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा, चेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी हम भी वहीं, मौजूद थे हम भी वहीं, मौजूद थे हम से भी सब पुछा किए हम भी वहीं, मौजूद थे हम से भी सब पुछा किए हम हंस दिए, हम चुप रहे हम हंस दिए, हम चुप रहे मंज़ूर था परदा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी इस शहर में किस्से मिलें इस शहर में किस्से मिलें हम से तो छूटी महफिलें इस शहर में किस्से मिलें हम से तो छूटी महफिलें हर शख्स तेरा नाम ले हर शख्स तेरा नाम ले हर शख्स दीवाना तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कूचे को तेरे छोड़ कर कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जायें मगर कूचे को तेरे छोड़ कर कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जायें मगर जंगल तेरे, पर्वत तेरे जंगल तेरे, पर्वत तेरे बस्ती तेरी, सेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी बेदर्द सुन्नी हो तो चल बेदर्द सुन्नी हो तो चल कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल बेदर्द सुन्नी हो तो चल कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल आशिक तेरा, रुसवा तेरा आशिक तेरा, रुसवा तेरा शायर तेरा, इंशा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा, चेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा, चेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी हम भी वहीं, मौजूद थे हम भी वहीं, मौजूद थे हम से भी सब पुछा किए हम भी वहीं, मौजूद थे हम से भी सब पुछा किए हम हंस दिए, हम चुप रहे हम हंस दिए, हम चुप रहे मंज़ूर था परदा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी इस शहर में किस्से मिलें इस शहर में किस्से मिलें हम से तो छूटी महफिलें इस शहर में किस्से मिलें हम से तो छूटी महफिलें हर शख्स तेरा नाम ले हर शख्स तेरा नाम ले हर शख्स दीवाना तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कूचे को तेरे छोड़ कर कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जायें मगर कूचे को तेरे छोड़ कर कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जायें मगर जंगल तेरे, पर्वत तेरे जंगल तेरे, पर्वत तेरे बस्ती तेरी, सेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी बेदर्द सुन्नी हो तो चल बेदर्द सुन्नी हो तो चल कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल बेदर्द सुन्नी हो तो चल कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल आशिक तेरा, रुसवा तेरा आशिक तेरा, रुसवा तेरा शायर तेरा, इंशा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा, चेहरा तेरा कल चौदहवीं की रात थी कल चौदहवीं की रात थी
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