पार्वती भोले शंकर से एक दिन पूछन लागी
"भूल तो ना जाओगे हमको? तुम हो, प्रभु, वैरागी"
जैसे अमृत बाँट दिया था, जैसे लंका त्यागी
"भूल तो ना जाओगे हमको? तुम हो, प्रभु, वैरागी"
कहते वेद-पुराण सभी हैं
"शिव और शक्ति पूर्ण तभी हैं, रहे जो हर-पल साथ में"
रखना भोलेनाथ हमारा हाथ हमेशा हाथ में
रखना भोलेनाथ हमारा हाथ हमेशा हाथ में
शिव और शक्ति पूर्ण तभी हैं, रहे जो हर-पल साथ में
शिव और शक्ति पूर्ण तभी हैं, रहे जो दोनों साथ में
बरसों व्रत रखे मैंने, लाखों शिवलिंग हैं बनाए
मेरी भाग्य-रेखा में, हे महादेवा, तब तुम थे आए
मेरी हर एक साँस, शिवाए, मंतर यही है दोहराए
बोले, "ॐ नमः शिवाय", "नमो शिव", "ॐ नमः शिवाय"
बाघंबर धारी, त्रिपुरारी, होती है बस बात तुम्हारी
मेरी हर एक बात में
रखना भोलेनाथ हमारा हाथ हमेशा हाथ में
रखना भोलेनाथ हमारा हाथ हमेशा हाथ में
जनम-जनम का साथ हमारा, भोले, भूल ना जाना
वचन दिए जो लेकर फेरे, सातों वचन निभाना
धूप-छाँव वाले सब मौसम मेरे साथ बिताना
सदा-सदा जो बरसाया है, वही प्रेम बरसाना, वही प्रेम बरसाना
हर युग में बस मेरे होना
है शंकर महाराज भिगोना करुणा की बरसात में
रखना भोलेनाथ हमारा हाथ हमेशा हाथ में
रखना भोलेनाथ हमारा हाथ हमेशा हाथ में
(शिवा)
तुम शिव की शक्ति हो, शिव तुम बिन सदा अधूरे
साथ तुम्हारा पाकर, गौरी, शंकर हुए हैं पूरे
अजर-अमर है प्रेम हमारा, सारी सृष्टि जाने
हम अपने आँगन की लक्ष्मी आए तुम्हें बनाने
मस्तक पे चंदा चमका के
नंदी पे आसन सजवा के शिवरात्री की रात में
कल थे, आज हैं, कल भी रहेंगे, गौरी-शंकर साथ में
हाथ तुम्हारा सदा रहेगा, भोलेनाथ के हाथ में
शिव और शक्ति पूर्ण तभी हैं, रहे जो दोनों साथ में
रखना भोलेनाथ हमारा हाथ हमेशा हाथ में