तेरे लिए
देखे थे जो मैंने मेरे ये सपने, hmm-mm
तेरे लिए
लिखी थी ये मैंने तेरे-मेरी शर्तें, hmm-mm
अब तुझसे दूर क्यूँ? पास होके भी ना हूँ
तेरे बिन मैं क्या करूँ?
अब मुझसे रुठ तू, तू ही मेरी आरज़ू
तेरे बिन मैं क्या करूँ?
हाँ, तेरे...
तेरे...
हाँ, तेरे...
हाँ, तेरे लिए
तेरे लिए
तेरे लिए
तेरे लिए
झूठी बातें मैंने खुद को सिखाई, hmm-mm
तेरे लिए
काली रातों से मैंने ये जंग छिड़ाई, hmm-mm
अब तुझसे दूर क्यूँ? पास होके भी ना हूँ
तेरे बिन मैं क्या करूँ?
अब मुझसे रुठ तू, तू ही मेरी आरज़ू
तेरे बिन मैं क्या करूँ?
हाँ, तेरे...
हाँ, तेरे...
हाँ, तेरे...
तेरे लिए
झूठी बातें मैंने खुद को सिखाई, hmm-mm
तेरे लिए
काली रातों से मैंने ये जंग छिड़ाई, hmm-mm
तेरे लिए