सावन की इक भूली बिसरी कहानी
वो पल वो लम्हे और आँखों का पानी
सावन की इक भूली बिसरी कहानी
वो पल, वो लम्हे, और आँखों का पानी
बादल के शोरो में बारिश की आहट
भीगे लबों की वो कंपकपाहट
उन लम्हो को फिर जीने की
फ़रियाद कर रहा हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रहा हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रहा हूँ
उन लम्हो को फिर जीने की
फ़रियाद कर रही हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रही हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रही हूँ
मन को भिगोती अलहड़ ये बूँदें
एहसास में तेरे आँखों को मूंदें
मैं भीगता हूँ छुपाने को आंसू
दिख जाए ना ये ज़माने के आंसू
तेरी बातों से अपने दिल को
आबाद कर रहा हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रहा हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रहा हूँ
खुशबु लिए आयी गीली हवाएं
कानो में किस्से तेरे गुनगुनाएं
मेरा हाथ थामे मुझे तकते रहना
मेरी फिक्र में रात भर जगते रहना
देखो ज़रा ये इठलाते बादल
कुछ इस कदर थे हम दोनों पागल
मुझे दिल की बातें बताना है तुमको
बारिश में कस के भिगोना है तुमको
उन लम्हो को फिर जीने की
फ़रियाद कर रही हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रही हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रही हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रहा हूँ
इस बारिश में
मैं बस तुमको याद कर रहा हूँ