"माता पिता अनमोल रतन हैं"
"माता पिता अनमोल रतन हैं"
इनसे बड़ा भगवान नहीं..
कदर नहीं जिसे माता- पिता की,
उससे बड़ा नादान नहीं
" माता पिता अनमोल रतन है"
माता पिता अनमोल रतन है
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1) प्रथम गुरु है माता सबकी
"प्रथम गुरु है माता सबकी"
प्रथम गुरु है माता सबकी
अंगुली पकड़ के चलाती है
आती है जब धूप गमों की
मां छाया बन जाती है
मां के जैसी ममता मयी इस
दुनिया में कोई और नहीं
मां की कदर नहीं की जिसने
उसकी कहीं भी ठोर नहीं
माता पिता का दिल जो दुखाए
उससे जो बड़ा शैतान नहीं
माता पिता अनुमोल रतन है
" माता पिता अनमोल रतन हैं"
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2 ) पिता खुले आकाश के जैसे
"पिता खुले आकाश के जैसे"
पिता खुले आकाश के जैसे
पंछी बन बच्चे उड़ते ,
छू लेते है चांद हाथ से
वो इक दिन उड़ते उड़ते
पिता नींद है पिता है सपना
पिता ही सबकी मजिल हैं
पिता के होते कुछ भी असंभव
और नही कुछ मुश्किल है
पिता बिना चेहरे पे किसी के
आती कभी मुस्कान नही।।
माता पिता अनमोल रतन हैं
" माता पिता अनमोल रतन हैं"
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3) माता पिता मंजिल की सीढी
"माता पिता मजिल की सीढी"
माता पिता मंजिल की सीढी,
माता पिता ही किस्मत हैं।
माता पिता अनमोल खजाना,
माता पिता ही दौलत है।।
मात पिता सी पूंजी नही है,
दूजी कोई जमाने में।
खुद को गिरा देते हैं जमीन पे
औलादों को उठाने में
माता पिता से बढ़ के दूसरा ,
और कोई वरदान नहीं ।।
माता पिता अनमोल रतन हैं
"माता पिता अनमोल रतन हैं"
माता पिता अनमोल रतन हैं
..... अंतराल....
माता पिता अनमोल रतन है
इनसे बड़ा भगवान नहीं
कदर नहीं जिसे माता पिता की
उससे बड़ा नादान नही
माता पिता अनमोल रतन हैं
"माता पिता अनमोल रतन हैं"
"माता पिता अनमोल रतन है"