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Babul ka ghar

Kishore Kumar/Alka Yagnikhuatong
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बाबुल का यह घर बहना

कुछ दिन का ठिकाना है

बनके दुल्हन एक दिन

तुझे पिया घर जाना है

बापू तेरी बगीया की

मैं तो एक कली हूँ रे

हो बापू तेरी बगीया की

मैं तो एक कली हूँ रे

छोड़ तेरी बगिया मुझे

घर पिया का सजाना है

क्यों छोड़ तेरी बगिया मुझे

घर पिया का सजाना है

बेटी घर बाबुल के

किसी और की अमानत है

बेटी घर बाबुल के

किसी और की अमानत है

दस्तूर दुनिया का

हम सब को निभाना है

मैया तेरे आँचल की

मैं तो एक गुड़िया रे

मैया तेरे आँचल की

मैं तो एक गुड़िया रे

तूने मुझे जनम दिया

तेरा घर क्यों बेगाना है

मैया तूने मुझे जनम दिया

तेरा घर क्यों बेगाना है

मैया पे क्या बीत रही

बहना तू क्या जाने रे

मैया पे क्या बीत रही

बहना तू क्या जाने रे

कलेजे के टुकड़े को

रो रो के भुलाना है

भैया तेरे अँगना की

मैं कैसी चिड़िया रे

हो भैया तेरे अँगना की

मैं कैसी चिड़िया रे

रात भर बसेरा है

सुबह उड़ जाना है

रात भर बसेरा है

सुबह उड़ जाना है

यादें तेरे बचपन की

हम सब को रुलायेंगी

हो यादें तेरे बचपन की

हम सब को रुलायेंगी

फिर भी तेरी डोली को

कांधा तो लगाना है

बहना तेरी डोली को

कांधा तो लगाना है

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