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sham bhi khub hai karan(jaicky)

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Liedtext
Sing by jaicky(karan)

Duet for female's

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

ज़िंदगी के लिए और क्या चाहिए?

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

आशिक़ी के लिए और क्या चाहिए?

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

क्या हसीं है समाँ, धड़कनें हैं जवाँ

क्या हसीं है समाँ, धड़कनें हैं जवाँ

दोस्ती के लिए और क्या चाहिए?

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

चाँद की चाँदनी, आसमाँ की परी

शायरों के लिए तू है एक शायरी

हाँ, देखते ही तुझे दिल दीवाना हुआ

चाहतों का शुरू एक फ़साना हुआ

रंग है, नूर है, चैन है, ख़्वाब है

रंग है, नूर है, चैन है, ख़्वाब है

अब ख़ुशी के लिए और क्या चाहिए?

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

हुस्न है, प्यार है, दिल है, दिलदार है

हुस्न है, प्यार है, दिल है, दिलदार है

बोलती है नज़र, चुप है मेरी जुबाँ

हर किसी से जुदा है मेरी दास्ताँ

ना किसी से कभी प्यार मैंने किया

दर्द-ए-दिल ना कभी, यार, मैंने लिया

साज़ है, गीत है, सुर है, संगीत है

साज़ है, गीत है, सुर है, संगीत है

मौसीक़ी के लिए और क्या चाहिए?

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

ज़िंदगी के लिए और क्या चाहिए?

शाम भी ख़ूब है, पास महबूब है

आशिक़ी के लिए और क्या चाहिए?

sham bhi khub hai karan(jaicky) von Kumar/UDIT/Alka Yagnik&kumar Sanu - Songtext & Covers