menu-iconlogo
huatong
huatong
omar-mukhtar-saathia-cover-image

Saathia

Omar Mukhtarhuatong
spung2004huatong
Liedtext
Aufnahmen
एक प्यार की नदिया में

एक पंछी था

उस के उस नादान दिल में कोई रहता था

जो रात क अंधेरो में जुगनों की तरह

अपने और उस को बुलाता था

वो रात का बंजारा है सुबहो का वो है तारा

हर सांस में छाया है

मेरी रूह में समाया है

चुप के से तू आ जा रे

मुझे हाथों में ले ले

आँखों की ज़ुबान से मेरे दिल में रस घोले

ओ साथिया आ

ओ रांझना आ

तेरी गलियों में फिरता हूँ हो कर में दीवाना

यह आँख जो बेहकी जाए

देखूं उसे तो शरमाये

आजा तू मेरी बाहों में आ दुनिया भूल जाएँ

तेरे होंठ जो छू जाएँ तो सांस ये थम जाए

नै जीना मेने तेरे बिना

आ मुझ को तू अपना ले

उस की खुशी में मुझ को अपनी खुशी मिली

उस क गम में मुझ को गम मिले

बस खो जाओं उस की आँखों में

हाँ रात दिन में राहों उस क ख्यालों में

ना सुरज ना चाँद उस से प्यारा है

जहाँ में खुद को खोलु उस वाहा को पाया है

हाँ दिन हो या रात तेरा ही साया

है मेने तो इस जिवन में अब तुझ को पाया है

ओ साथिया आ

ओ रांझना आ

तेरी गलियों में फिरता हूँ हो कर में दीवाना

यह आँख जो बेहकी जाए

देखूं उसे तो शरमाये

आजा तू मेरी बाहों में आ दुनिया भूल जाएँ

तेरे होंठ जो छू जाए तो सांस ये थम जाए

नै जीना मेने तेरे बिना

आ मुझ को तू अपना ले

आ आ आ आ आ आ

Mehr von Omar Mukhtar

Alle sehenlogo

Das könnte dir gefallen