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Khuda bhi aasman se by randeep

Rafi saabhuatong
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Liedtext
Aufnahmen
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा

मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा

खुदा भी ...

मुसव्विर खुद परेशां है के ये तस्वीर किसकी है

बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है

कभी वो जल रहा होगा, कभी खुश हो रहा होगा

खुदा भी ...

ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है

कली से जिस्म को कितने बहारों ने लपेटा है

नहीं तुम सा कोई पहले न कोई दूसरा होगा

ख़ुदा भी ...

फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घूमते होंगे

जहाँ रखती हो तुम पाँव, जगह वो चूमते होंगे

किसीके दिल पे क्या गुज़री, ये वो ही जानता होगा

खुदा भी ...

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