धरती और गगन उत्साहित, हर्षित चंदा-तारे
पूरब-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण गूँज रहे जयकारे
सदियों बाद अवध नगरी का सुदिन सुमंगल आया
वर्षों बाद भव्य मंदिर में प्रभु श्री राम पधारे
(नगर-नगर में, डगर-डगर में वंदनवार लगे हैं)
(सिर्फ अयोध्या नहीं, देख लो, सारे धाम सजे हैं)
(नगर-नगर में, डगर-डगर में वंदनवार लगे हैं)
(सिर्फ अयोध्या नहीं, देख लो, सारे धाम सजे हैं)
(सियावर रामचन्द्र की जय, सियावर रामचन्द्र की जय)
(सियावर रामचन्द्र की जय, सियावर रामचन्द्र की जय)
नगर-नगर में, डगर-डगर में वंदनवार लगे हैं
सिर्फ अयोध्या नहीं, देख लो, सारे धाम सजे हैं
नगर-नगर में, डगर-डगर में वंदनवार लगे हैं
सिर्फ अयोध्या नहीं, देख लो, सारे धाम सजे हैं
रामलला का ये मंदिर भारत का दिव्य-महोत्सव
हर घर मंदिर (हर घर मंदिर), हर घर उत्सव (हर घर उत्सव)
हर घर मंदिर (हर घर मंदिर), हर घर उत्सव (हर घर उत्सव)
हर मंदिर में आनंद उत्सव
मंदिर-मंदिर अवध-महोत्सव
रामलला मंदिर में पहुँचे, उत्सव खूब मनाओ
ढोल, नगाड़े, शंख बजाओ, झूमो, नाचो, गाओ, हो
रामलला मंदिर में पहुँचे, उत्सव खूब मनाओ
ढोल, नगाड़े, शंख बजाओ, झूमो, नाचो, गाओ
चौक पुराओ आँगन में, और द्वार दीप जलाओ
अवधपुरी तो अवधपुरी है, घर को अवध बनाओ
दर्शन-पूजन करो प्रभु का, जितना भी है संभव
हर घर मंदिर (हर घर मंदिर), हर घर उत्सव (हर घर उत्सव)
हर घर मंदिर (हर घर मंदिर), हर घर उत्सव (हर घर उत्सव)
हर मंदिर में आनंद उत्सव
मंदिर-मंदिर अवध-महोत्सव
अगणित नाम, अनंत रूप में रामलला हैं राजे
हर मंदिर में, हर मूरत में प्रभु श्री राम विराजे, हो
अगणित नाम, अनंत रूप में रामलला हैं राजे
हर मंदिर में, हर मूरत में प्रभु श्री राम विराजे
इसी भाव से मंदिर जाना, प्रभु से विनती करना
भारत का ही नहीं, विश्व का रंग केसरी करना
राम-लहर की आँधी का जग को करवाना अनुभव
हर घर मंदिर (हर घर मंदिर), हर घर उत्सव (हर घर उत्सव)
हर घर मंदिर (हर घर मंदिर), हर घर उत्सव (हर घर उत्सव)
हर मंदिर में आनंद उत्सव
मंदिर-मंदिर अवध-महोत्सव
(सियावर रामचन्द्र की जय, सियावर रामचन्द्र की जय)
(सियावर रामचन्द्र की जय, सियावर रामचन्द्र की जय)
(सियावर रामचन्द्र की जय, सियावर रामचन्द्र की जय)
(सियावर रामचन्द्र की जय, सियावर रामचन्द्र की जय) हर घर उत्सव