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huatong
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Na, na, na, mm-hmm

No, it's not a gangster song

It's a song about a warrior

ले हाथ खड़ग, कंधे भाला

सीने में धधकती ले ज्वाला

चेतक संग चल कूच पड़ा

बण सूरवीर वो टूट पड़ा

ओ, माटी मेवाड़ा री

सुण मावड़ राणा री

मस्तक तेरा टीका, शान मेरी

नहीं जावण दूँगा आन तेरी

तुझको ये जबान मेरी

तुझपे वारूँगा जान मेरी

बलि तुझपे प्राणा री

ओ माटी मेवाड़ा री

रण भूमी जब निकल पडूँ

सीने में धधकती अंगार रहे

बण काल दुश्मनों पर गिरूँ

मुख से निकलती ललकार रहे

कटे शीशो का अंबार करूँ

जब तक हाथों में तलवार रहे

रण विजय का वरण करूँ

एकलिंग जी की जय-जयकार रहे

लहु में मेरे ज्वाला ताप करें

मन शत्रुओ का भयंकर काँप करें

कण-कण से आती ये आवाज़ रहे

मेरी मातृ भूम हमेशा आजाद रहे

म्हारी जामण, तुम्हारी मावण तूँ

स्वाभिमान तेरो ना खोवण द्यूँ

कटे शीश पड़े पर ये पाग नहीं

प्राधीन कदे ना होवण द्यूँ

ओ, माटी मेवाड़ा री

सुण मावड़ राणा री

मस्तक तेरा टीका, शान मेरी

नहीं जावण दूँगा आन तेरी

तुझको ये जबान मेरी

तुझपे वारूँगा जान मेरी

बलि तुझपे प्राणा री

ओ, माटी मेवाड़ा री

प्राधीन किसी की ना हो

कायम तेरा यें स्वाभिमान रहे

प्रण लिया लाज बचाने का

व्यर्थ ना मेरा कभी ये बलिदान रहे

फले-फूले कोना-कोना तेरा

हरे-भरे तेरे खेत-खलिहान रहे

ओ, माटी तू सबकी मात धरा

तेरा देश ये भारत महान रहे

जब तक सूरज प्रकाश रहे

रंग केशरिया आबाद रहे

ओ, माँ मेरे जाने के बाद भी

लोगों के दिलो में तेरा बेटा महाराणा प्रताप रहे

लड़कर रण मीट्टी हो जाऊँ

मरकर कण मीट्टी हो जाऊँ

स्वीकार नहीं मेरी मातृ भूम

कोई आकर तुझ पर वार करें

ओ, माटी मेवाड़ा री

सुण मावड़ राणा री

मस्तक तेरा टीका, शान मेरी

नहीं जावण दूँगा आन तेरी

तुझको ये जबान मेरी

तुझपे वारूँगा जान मेरी

बलि तुझपे प्राणा री

ओ, माटी मेवाड़ा री

जैसे एक चिंगारी लगा देती है पूरे जंगल में आग

ऐसे थे वीरों के वीर महाराण प्रताप

नहीं भूलेगें रणभूमि में लहु बहाया

प्यारी थी इतनी आज़ादी रे जंगल में जीवन बिताया

रणक्षेत्र में पलट कर बाजी हर दुश्मन को मार भगाया

दे राणा ने प्राणों की आहुति इस माटी का कर्ज चुकाया

उन्ही की सौगात हमें मिली थी आजादी अब हमें यें फ़र्ज़ निभाना है

भारत देश अमानत है उनकी, उनकी सोच को आगे बढ़ाना है

मेरे देश के जवानों को महाराणा प्रताप बन जाना है

और अपने वतन को उसके दुश्मनों से हर पल बचाना है

ओ, माटी मेवाड़ा री

सुण मावड़ राणा री

मस्तक तेरा टीका, शान मेरी

नहीं जावण दूँगा आन तेरी

ओ, माटी मेवाड़ा री

सुण मावड़ राणा री

मस्तक तेरा टीका, शान मेरी

नहीं जावण दूँगा आन तेरी

तुझको ये जबान मेरी

तुझपे वारूँगा जान मेरी

बलि तुझपे प्राणा री

ओ माटी मेवाड़ा री

हाँ जी, ये गाना अपनी मातृ भूमि के लिए सबकुछ बलिदान करने वाले उन वीरों के लिए

कैसे भूल जाएँ वो क़ुर्बानियाँ?

रूला देती हैं ये कहानियाँ

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