इस रात में कहो क्या ख़ास हे
बशर की बेबसी को मात हे
आना तेरा ए हमसफ़र
भीगी चांदनी की रात हे
चाँद पे टिके हुए थे तुम
तुम को आना ही पड़ा ए हुजूर
तुम को जो थे गैर इस तरह
आज वो हमारी साँस हे
तुम मिले तो जिंदगी हुई
ऐसी शायरों की होती हे अदा
वैसी जो मिली थी मिलना ही था यार
हमे तुम्हारा इन्तजार था