आसमाँ रूठा, एक सितारों को मिला ना आशियाँ
धूप ने लूटा नन्हे से एक गुलसिताँ को, साथिया
सिसक रही हैं बारिशें
और जमी है धूल तेरी शाख़ों पे
एक ख़्वाब है टूटा कहीं तो आँखों में
मैं जोड़ता हूँ काँच बिखरे राहों में
ख़ामोशियाँ जो दिल को मेरे सहमाती हैं
वो दिल से कह जाती हैं
"तूफ़ाँ तो आकर चल दिए, सिहरन बाक़ी है
जो मन में रह जाती है"
आँगन के सपनों से, छोटे से क़दमों से
रूठी है उड़ान तेरी आज तेरी पाँखों से
एक ख़्वाब है टूटा कहीं तो आँखों में
मैं जोड़ता हूँ काँच बिखरे राहों में
आसमाँ रूठा, एक सितारों को मिला ना आशियाँ
धूप ने लूटा नन्हे से एक गुलसिताँ को, साथिया
सिसक रही हैं बारिशें
और जमी है धूल तेरी शाख़ों पे
एक ख़्वाब है टूटा कहीं तो आँखों में
मैं जोड़ता हूँ काँच बिखरे राहों में