बेचैन है सपने नए आसमां बुलाए
पंख ये बोले डोलो डोलो डोलो
सागर की लेहरें झील मे समाएं
पानी ये बोले खोलो खोलो खोलो
एक जंग है जारी ये रूह है भारी
नज़रों के आगे कैसा ये धुआँ
एक राह कहे आ चल गीत नया गा
पर बढ़ ना सकु रोके जाने क्या
ये दिल कुछ बोले जां कुछ बोले
जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे
हो कभी खींचे जुनू कभी खींचे जहाँ
जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे ( मन पाखी रे)
दूर आवाज़े खोल दे ना रे
बंदे है उम्मीद के धारे
मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए
उलझे उलझे रात के धागे
काट अंधेरे सुबह जागे
धूप का परचम आगे आगे रे
साथी रे साथी रे
सूरज है तू बादल हटा
खुल के गगन पे
रोशन होज़ा आजा ज़रा
पीछे सुरंग आगे तरंग
सोचे तू क्या बन के हवा
लेहरजा ज़रा
आजा आजा छा जा छा जा
सन सनन लेहरजा आजा
कैसा डर है ये सफ़र है
खुद को खोने के बहाने आजा
ये दिल कुछ बोले जां कुछ बोले
जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे (पाखी रे)
हो ओ कभी खींचे जुनू कभी खींचे जहाँ
जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे (पाखी रे)
दूर आवाज़े खोल दे ना रे
बंदे है उम्मीद के धारे
मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए (ओ ओ)
उलझे उलझे रात के धागे (ओ ओ ओ ओ)
काट अंधेरे सुबह जागे (ओ ओसाथी रे)
धूप का परचन आगे आगे रे (साथी रे)
दूर आवाज़े खोल दे ना रे (ए ए ए)
बंदे है उम्मीद के धारे (ए ए ए)
मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए ए (साथी रे)
उलझे उलझे रात के धागे
काट अंधेरे सुबह जागे
धूप का परचम आगे आगे रे