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Tute Hue Rishton Ka (Album Version)

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Lyrics
टूटे हुए रिश्तों का

हर ज़ख़्म हरा लिखना

टूटे हुए रिश्तों का

हर ज़ख़्म हरा लिखना

जब भी उससे खत लिखना

आदाम मेरा लिखान

टूटे हुए रिश्तों का

हर ज़ख़्म हरा लिखना

हो जिसने मेरी अक्सर

लोटई हैं साओगाते

हो जिसने मेरी अक्सर

लोटई हैं साओगाते

यूयेसेस जाने गाफील को

हरगिज़ ना बुरा लिखना

टूटे हुए रिश्तों का

हर ज़ख़्म हरा लिखना

उड़ते हुए सब पांच्ची

पेड़ो पे उतार आए

उड़ते हुए सब पांच्ची

पेड़ो पे उतार आए

मोसां की शरारत की

बागो को हरा लिखना

टूटे हुए रिश्तों का

हर ज़ख़्म हरा लिखना

वो डोर भी था अपना

जब सोख था हूमें भी था

वो डोर भी था अपना

जब सोख था हूमें भी था

कालेग की किताबो पे

लड़की का पत्ता लिखना

जब भी उससे खत लिखना

आदाम मेरा लिखान

टूटे हुए रिश्तों का

हर ज़ख़्म हरा लिखना.

Tute Hue Rishton Ka (Album Version) by Ahmed & Mohammed Hussain/Ustad Mohammed Hussain - Lyrics & Covers