menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Zihale miskeen by Amir khusro

Amir Khusrohuatong
🌞Anurag🌞Suryavanshi🌞huatong
Lyrics
Recordings
ज़े हाले मिसकीं मकुन तग़ाफ़ुल

दुराय नैना बनाय बतियाँ।

कि ताबे-हिजरा न दारम् ऐ जां

न लेहु काहे लगाय छतियाँ॥

शबाने-हिजराँ दराज़ चूं ज़ुल्फ़ो—

रोज़े वसलत चूं उम्र कोताह।

सखी पिया को जो मैं न देखूँ

तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ॥

यकायक अज़दिल दो चश्म जादू

बसद फ़रेबम बुबुर्द तसकी।

किसे पड़ी है जो जा सुनावे

पियारे पी को हमारी बतियाँ॥

चु शमअ सोज़ा चु ज़र्रा हैरां

ज़े मेहरे आंमह बगश्तम् आख़िर।

न नींद नैनां न अंग चैना

न आप आवें न भेजें पतियां॥

ब हक्क़े रोज़े-विसाले दिलवर

कि दाद मारा फ़रेब ख़ुसरो।

सो पीत मन की दुराय राखों

जो जान पाऊँ पिया की घतियां॥

More From Amir Khusro

See alllogo