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Durge Durgat Bhari

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Lyrics
अंबे माते की जय

दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी

अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी

वारी, वारी, जन्म-मरणाते वारी

हारी पडलो आता संकट निवारी

जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी

सुरवर, ईश्वर वरदे तारक संजीवनी

जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी

सुरवर, ईश्वर तारक संजीवनी

माँ, अंबे माँ, जगदंबे, अंबे माँ

माँ, अंबे माँ, जगदंबे, अंबे माँ

(अंबे माँ, अंबे माँ)

त्रिभुवन पाहतात तुज ऐसे नाही

चारी श्रमले, परंतु न बोलवे काही

साही विवाद करीता पडलो प्रवाही

ते तू भक्तालागी पावस लवलाही

माँ, अंबे माँ, जगदंबे, अंबे माँ

माँ, अंबे माँ, जगदंबे, अंबे माँ

(अंबे माँ, अंबे माँ)

प्रसन्नवदे प्रसन्न होती निनाशा

क्लेशापासुन तोडी तोडी भवपाशा

अंबे तुजवाचून कोण पुरवी आशा?

नरहर तल्लीन झाला पंकापंडेशा

जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी

सुरवर, ईश्वर तारक संजीवनी

जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी

सुरवर, ईश्वर तारक संजीवनी

जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी

सुरवर, ईश्वर तारक संजीवनी

अंबे माता सगल्यांना सुखात ठेव