अँखियो के झरोको से मैने देखा जो संवारे
अँखियो के झरोको से मैने देखा जो संवारे
तुम दूर नज़र आए बड़ी दूर नज़र आए
बंद करके झरोको को ज़रा बैठा जो सोचने
बंद करके झरोको को ज़रा बैठा जो सोचने
मन मे तुम्ही मुस्काये मन मे तुम्ही मुस्काये
अँखियो के झरोको से
इक मन था मेरे पास वो, अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाय मुझे, कुछ होने लगा है
इक मन था मेरे पास वो, अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाय मुझे, कुछ होने लगा है
इक तेरे भरोसे पे, सब बैठी हूँ भूल के
इक तेरे भरोसे पे, सब बैठी हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुज़र जाए, तेरे साथ गुज़र जाए
अँखियों के झरोखों से