menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Kitaab 2.0 (feat. Shravani)

Gravero/Dikshant/Whysoaryanhuatong
biggiantheadhuatong
Lyrics
Recordings
उस नई किताब के पन्नों सा तू लगता

ना है पढ़ी, महक रही हो पर

नज़रों से गुज़रा तू चलके मेरे आहिस्ता

आँखों ने ना रख दी हो कुछ कसर

दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें

पर समझाने को वक़्त ना यहाँ

दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें

पर समझाने को वक़्त ना यहाँ

आँखें भी तुझे यहाँ ढूँढें ही अब सदा

ना तेरे होने से, तुझे खोने से, घबराए दिल ये मेरा

ना पता क्या है किनारे पे, बहती हैं आके लहरे यहाँ

प्यार की करती हूँ मैं जब बातें, बालों के इतराने पे रुकता समाँ

दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें

पर समझाने को वक़्त ना यहाँ

दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें

पर समझाने को वक़्त ना यहाँ

More From Gravero/Dikshant/Whysoaryan

See alllogo

You May Like