ओ ओ
जीने भी दे दुनिया हमें इल्ज़ाम न लगा
एक बार तो करते हैं सब कोई हसीन ख़ता
वरना कोई कैसे भला चाहे किसी को बेपनाह
ऐ ज़िंदगी तू ही बता क्यों इश्क़ है गुनाह
जीने भी दे दुनिया हमें इल्ज़ाम न लगा
एक बार तो करते हैं सब कोई हसीन ख़ता
ख़ुद से ही करके गुफ़्तगू कोई कैसे जिए
इश्क़ तो लाज़मी सा है ज़िंदगी के लिए
ख़ुद से ही करके गुफ़्तगू कोई कैसे जिए
इश्क़ तो लाज़मी सा है ज़िंदगी के लिए
दिल क्या करे दिल को अगर अच्छा लगे कोई
झूठा सही दिल को मगर सच्चा लगे कोई
जीने भी दे दुनिया हमें इल्ज़ाम न लगा
एक बार तो करते हैं सब कोई हसीन ख़ता
वरना कोई कैसे भला चाहे किसी को बेपनाह
ऐ ज़िंदगी तू ही बता क्यों इश्क़ है गुनाह
दिल को भी उड़ने के लिए आसमान चाहिए
खुलती हों जिनमें खिड़कियाँ वो मकान चाहिए
दिल को भी उड़ने के लिए आसमान चाहिए
खुलती हों जिनमें खिड़कियाँ वो मकान चाहिए
दरवाज़े से निकले ज़रा बाहर को रहगुज़र
हर मोड़ पे जो साथ हो ऐसा हो हमसफ़र
जीने भी दे दुनिया हमें इल्ज़ाम न लगा
एक बार तो करते हैं सब कोई हसीन ख़ता
वरना कोई कैसे भला चाहे किसी को बेपनाह
ऐ ज़िंदगी तू ही बता क्यों इश्क़ है गुनाह
जीने भी दे दुनिया हमें इल्ज़ाम न लगा
एक बार तो करते हैं सब कोई हसीन ख़ता
वरना कोई कैसे भला चाहे किसी को बेपनाह
ऐ ज़िंदगी तू ही बता क्यों इश्क़ है गुनाह
जीने भी दे दुनिया हमें इल्ज़ाम न लगा
एक बार तो करते हैं सब कोई हसीन ख़ता