Sez on the Beat boy
लक्ष्मी किधर दरवाजे बाईं तरफ खुले हे
कोशिश एक आशा और मेरी ये आशा
के जमना के पार है जाना
हमे करते हैं जज जब
गाड़ी में हम बजाते हैं
यो-यो का गाना
यहाँ गली में गली है
जीवन है उलझा जैसा
की सड्डी और मांझा
कपड़े सस्ते हल्की जेबे पर
फिर भी हम दिल्लों के राजा
मध्यम वर्ग से आते हैं
आज भी जहाँ पे बाप की चलती है
जब तक ना रात को आता हूँ घर पे
तब तक माँ की आँख नहीं लगती
छोटे इन घरों में आज भी
सपनों के बड़े से महल बनाते हैं
सपनों के महल गिरा ज़िम्मेदारी उठाते जो
जमाना पारी वो केहलाते हैं
घड़ी के काँटों सी है जिंदगी
दिन से रात कटती है बस
बिजली की तारों में लिपटे हैं सपने
होंगे ना जो इसका फिकर
ख्वाब पिंजरे से निकलने को तरसे
सपना लेने से यहाँ लगता है डर
प्रीत विहार से लक्ष्मी नगर
उड़ान ले जमना को पार तू कर
मेरा घर जमनापार
मेरा घर जमनापार
मेरा घर जमनापार
मेरा घर जमनापार
इच्छा के आगे है गम बड़े
मजबूरी को लेके हम संग खड़े
सूरज से पेहले कचरे की गाड़ी
का शोर नींद को तंग करे
ये उड़ते परिंदे हर पल को गिनते
दिन ढलते इनके बस दिन गिनते गिनते
बाप के नियम जो दम घोंटे मेरा
तो दम हम लगाते सबसे छिपते छिपते
यहाँ पैदा होना ही सपनों की हार
मंगल यहाँ होता बस मंगल बाज़ार
जमना के पानी सा काला है जीवन
निकलना मैं चाहता इस जमना के पार
मेरा घर जमनापार
मेरा घर जमनापार
मेरा घर जमनापार
मेरा घर मेरा घर जमनापार
मेरा घर जमनापार मेरा घर
मेरा घर जमनापार
मेरा घर जमनापार