अँखियाँ ने अँखियाँ नू रब जाने
क्यों दिए फ़ासले
अँखियाँ ने अँखियाँ नू रब जाने
क्यों दिए फ़ासले
रोंदियाँ ने छम छम कर के
तेरी यादों में मर के
रोंदियाँ ने छम छम कर के
तेरी यादों में मर के
भूल गईआं जिन्दड़ी दे रास्ते
अँखियाँ ने अँखियाँ नू रब जाने
क्यों दिए फ़ासले
अँखियाँ ने अँखियाँ नू रब जाने
क्यों दिए फ़ासले
दुनिया की भीड़ में मैं
तन्हाँ सी हो गयी
पाकर जो तुझको खोया
खुद ही मैं खो गयी
दुनिया की भीड़ में मैं
तन्हाँ सी हो गयी
पाकर जो तुझको खोया
खुद ही मैं खो गयी
क्या बताऊँ तेरे बिन
काजल से हैं ये दिन
तारे भी बुझे बुझे हैं रात में
अँखियाँ ने अँखियाँ नू रब जाने
क्यों दिए फ़ासले
राहों में बैठे बैठे
नैन पथरा गए
खुशियों के होंठों पे
दर्द कैसे आ गए
राहों में बैठे बैठे
नैन पथरा गए
खुशियों के होंठों पे
दर्द कैसे आ गए
सपने जो रूठे रूठे
जुड़ के जो दिल हैं टूटे
टूटी हैं लकीरें भी ये हाथ में
अँखियाँ ने अँखियाँ नू रब जाने
क्यों दिए फ़ासले
अँखियाँ ने अँखियाँ नू रब जाने
क्यों दिए फ़ासले