मैं बोला हे वो मानी तो
आँखों से लोरी वो सुना दे तो
सपनों में मैं बह जाऊँगा मुझको रोको
मैं बोला हे वो आए तो
दो पल साथ बिताए तो
दिल के राज़ सुनाऊँगा मुझको रोको
हाँ तुम रोको
पर हमको तुम रोको ना
जब हम ऐसे खोए हों
अपनी छोटी दुनिया में
क्यूँ हमको तुम रोकोगे
मैं बोला हे वो मानी तो
आँखों से लोरी वो सुनाए तो
सपनों में मैं बह जाऊँगा मुझको रोको ह्म्म्म
मैं बोला हे वो मानी तो
आँखों से लोरी वो सुनाए तो
सपनों में मैं बह जाऊँगा मुझको रोको
मैं सोचूँ ये तू माने तो
चाँद पे घर बनाके हम
दुनिया ढलते देखेंगे हाँ सोचो
मैं सोचूँ ये तू आए तो
तारों को लुभाके हम
हर लम्हा सजाएंगे हाँ सोचो
हाँ तुम सोचो
तुम भी ऐसा सोचो ना
जब हम ऐसे खोए हों
तारों की उन गलियों में
कैसे हमको ढूंढोगे
मैं बोला हे वो मानी तो
आँखों से लोरी वो सुना दे तो
सपनों में मैं बह जाऊँगा मुझको रोको
मैं बोला हे