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Shaamein

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Lyrics
तू जाने ना जाने, मैंने तेरी बातें की हैं

तुझको पता भी नहीं है, ख़राब ये रातें की हैं

जितने भी ग़म थे तुम्हारे मेरी याद भुला देती है

हँसते-हँसाते मुझको फ़िर क्यूँ रुला देती है?

जब होती हैं शामें, तेरी याद बुला लेती है

तन्हा जो रहता हूँ मैं, मुझको सुला देती है

जब होती हैं शामें, तेरी याद बुला लेती है

तन्हा जो रहता हूँ मैं, मुझको सुला देती है

तेरी याद में मैं बैठा रहता तन्हा सा

ना कोई काम हुआ, ना ही मेरा मन लगा

ना message किया, ना ही call कर सका

दिल ना टूट जाए, दिल ही दिल में डर लगा

जब से पर लगे तुझे मैं ना उड़ सका

ख़याल रहा कोई मुझे ख़ुद का ना

दूर रहा ताकि तुझसे जुड़ सकूँ

ये ख़ंजर मेरा आ के मुझे ख़ुद लगा

तू जाने ना जाने, मैंने तेरी बातें की हैं

तुझको पता भी नहीं है, ख़राब ये रातें की हैं

जितने भी ग़म थे तुम्हारे मेरी याद भुला देती है

हँसते-हँसाते मुझको फ़िर क्यूँ रुला देती है?

जब होती हैं शामें, तेरी याद बुला लेती है

तन्हा जो रहता हूँ मैं, मुझको सुला देती है

जब होती हैं शामें, तेरी याद बुला लेती है

तन्हा जो रहता हूँ मैं, मुझको सुला देती है

तुझे सोचूँ जब-जब मेरी आँखें भर आएँ

कि मैंने प्यार किया है

हाल ही दिनों मैंने तुझे कहीं कहते सुना

कि मैंने वार किया है

थोड़ा ठीक से लगाना दोष सीख लेती

ये सब देख मेरी रूह भी आँखें मींच लेती

आफ़त तो नहीं थी कोई ऐसा कि तू तोड़े दिल

थोड़ा रुक जाती तो वफ़ा भी करना सीख लेती

ले करता दिल तेरे हवाले

तू इस में शहर एक बना ले, baby

जो टूटा दिल लेके ही निकले

तो कैसे मिले घर तेरा?

क्योंकि तू जाने ना जाने, मैंने तेरी बातें की हैं

तुझको पता भी नहीं है, ख़राब ये रातें की हैं

जितने भी ग़म थे तुम्हारे मेरी याद भुला देती है

हँसते-हँसाते मुझको फ़िर क्यूँ रुला देती है?

जब होती हैं शामें, तेरी याद बुला लेती है

तन्हा जो रहता हूँ मैं, मुझको सुला देती है

जब होती हैं शामें, तेरी याद बुला लेती है

तन्हा जो रहता हूँ मैं, मुझको सुला देती है