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Mere Samne Wali Khidki

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Lyrics
अरे हे..ए..ए...

ल ल ल ल ल ल ल....

ह्म्म्मम्म्म्म्म हे हे

मेरे सामने वाली खिड़की में

एक चाँद का टुकड़ा रहता है

मेरे सामने वाली खिड़की में

एक चाँद का टुकड़ा रहता है

अफ़सोस ये है

के वो हमसे

कुछ उखड़ा, उखड़ा रहता है

मेरे सामने वाली खिड़की में

एक चाँद का टुकड़ा रहता है

फ़िल्म : पड़ोसन (1968)

जिस रोज़ से देखा है उसको

हम शमां जलाना भूल गये

दिल थाम के ऐसे बैठे हैं

कहीं आना, जाना भूल गये

अब आठ पहर, इन आँखों में

वो चंचल मुखड़ा रहता है

मेरे सामने वाली खिड़की में

एक चाँद का टुकड़ा रहता है

बरसात भी आकर चली गई

बादल भी गरज कर बरस गये

बरसात भी आकर चली गई

बादल भी गरज कर बरस गये

पर उसकी, एक झलक को हम

ऐ हुस्न के मालिक तरस गये

कब प्यास बुझेगी आँखों की

दिन रात ये दुखड़ा रहता है

मेरे सामने वाली खिड़की में

एक चाँद का टुकड़ा रहता है

अफ़सोस ये है

के वो हमसे

कुछ उखड़ा, उखड़ा रहता है

मेरे सामने वाली खिड़की में

एक चाँद का टुकड़ा रहता है

thanks

Mere Samne Wali Khidki by Kishore Kumar - Lyrics & Covers