menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

NA KEH SAAQI

Kshitijhuatong
..kshitizhuatong
Lyrics
Recordings
ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं

ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं

ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं

जिगर के दाग़ छिल जाने के दिन हैं

जिगर के दाग़ छिल जाने के दिन हैं

अदा सीखो, अदाआने के दिन हैं

अदा सीखो, अदाआने के दिन हैं

अदा सीखो, अदाआने के दिन हैं

अभी तो दूर शरमाने के दिन हैं

अभी तो दूर शरमाने के दिन हैं

गरेबाँ ढूँढ़ते हैं हाथ मेरे

गरेबाँ ढूँढ़ते हैं हाथ मेरे

चमन में फूल खिल जाने के दिन हैं

चमन में फूल खिल जाने के दिन हैं

ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं

तुम्हें राज़-ए-मोहब्बत क्या बताएँ

तुम्हें राज़-ए-मोहब्बत क्या बताएँ

तुम्हें राज़-ए-मोहब्बत क्या बताएँ

तुम्हारे खेलने-खाने के दिन हैं

तुम्हारे खेलने-खाने के दिन हैं

घटाएँ ऊंदी-ऊंदी कह रही हैं

घटाएँ ऊंदी-ऊंदी कह रही हैं

मय-ए-अंगूर खिंचवाने के दिन हैं

ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं

ना कह साक़ी, बहार आने के दिन हैं

जिगर के दाग़ छिल जाने के दिन हैं

More From Kshitij

See alllogo

You May Like