क्यों चलती है पवन
क्यों झूमे है गगन
क्यों मचलता है मन
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
क्यों आती है बहार
क्यों लुटता है करार
क्यों होता है प्यार
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
ये मदहोशियाँ, ये तन्हाईयाँ
तसव्वुर में है किसकी परछाईयाँ
ये भीगा समां, उमंगें जवां
मुझे इश्क ले जा रहा है कहाँ
क्यों गुम है हर दिशा
क्यों होता है नशा
क्यों आता है मज़ा
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम