क्यूँ चलती है पवन
क्यूँ झूमें है गगन
क्यूँ मचलता है मन
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
क्यूँ आती है बहार
क्यूँ लुटता है करार
क्यूँ होता है प्यार
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
ये मदहोशियाँ ये तन्हाईयाँ
तसव्वुर में है किसकी परछाईयां
ये भीगा समां उमंगें जवां
मुझे इश्क़ ले जा रहा है कहाँ
क्यूँ गम है हर दिशा
क्यूँ होता है नशा
क्यूँ आता है मज़ा
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
धडकता भी है तड़पता भी है
ये दिल क्यूँ अचानक बहेकता भी है
महकता भी है चहकता भी है
ये दिल क्या वफ़ा को समझता भी है
क्यों मिलती है नज़र
क्यों होता है असर
क्यों होती है सहर
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
क्यूँ चलती है पवन
क्यूँ झूमें है गगन
क्यूँ मचलता है मन
ना तुम जानो ना हम
क्यूँ आती है बहार
क्यूँ लुटता है करार
क्यूँ होता है प्यार
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम