हे दुःख भन्जन मारुती नंदन
सुन लो मेरी पुकार
पवनसुत विनती बारम्बार
पवनसुत विनती बारम्बार
हे दुःख भन्जन मारुती नंदन
सुन लो मेरी पुकार
पवनसुत विनती बारम्बार
पवनसुत विनती बारम्बार
लक्ष्मण जी के प्राण बचाए
लाये संजीवन बूटी
पीड़ा सबकी हर लेते हो
जिसकी किस्मत रूठी
बड़ी दूर से चल कर बाबा मै भी आया हु
खाली जेब में कुछ उम्मीद भर के लाया हु
मुझको जगह दे दो चरणों में अपने
खड़ा हु मै तेरे द्वार
पवनसुत विनती बारम्बार
पवनसुत विनती बारम्बार
हे दुःख भन्जन मारुती नंदन
सुन लो मेरी पुकार
पवनसुत विनती बारम्बार
पवनसुत विनती बारम्बार
ओ पवन पुत्र बलवानी
लंका को जाए जलाया
आन काज के अवतारी
सीता का पता लगाया
हर रोज सवेरे तेरी ज्योत जलाता हु
मावि से तेरे भजन लिखाके रोज़ मै गाता हु
सर पे मेरे रख दो हाथ तुम्हारा
करदो बेडा पार
पवनसुत विनती बारम्बार
पवनसुत विनती बारम्बार
हे दुःख भन्जन मारुती नंदन
सुन लो मेरी पुकार
पवनसुत विनती बारम्बार
पवनसुत विनती बारम्बार