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Lyrics
टूटे धागे जो

उलझे हैं कहीं

मिटा दे बातें वो

बना लें कुछ नयी

पिघला आसमाँ, आसमाँ, ओ

गिरहा धागों की तोड़ो ना, बाँध लो

दो किनारे मिले, जैसे दोनों जुड़े

खुल गए हैं सिरे, बोरेया

है मन-मन की बातें, है कस के गिरहा बाँधे

दूरी ना पूरी हो, मितरा

है मन-मन की बातें, कस के गिरहा बाँधे

पानी सा बह जाए, मितरा

(दो किनारे)

(दो किनारे)

ये कैसी ख़ुमारी जो बन गई है प्यारी

लिखेंगे नयी कहानियाँ

हाथों की लकीरें इजाज़त ये माँगे

दे-दे तू ज़रा सा आसरा

दे आसरा, हो हाज़िर, दे बरकतें, हो नाज़िर

नज़ाकत बयाँ कर ज़रा

नज़दीकियाँ है शामिल, हों उलफ़तें सब कामिल

शिद्दक से हासिल हो, मितरा

है मन-मन की बातें, कस के गिरहा बाँधे

पानी सा बह जाए, मितरा

पिघला आसमाँ, आसमाँ, ओ

गिरहा धागों की तोड़ो ना, बाँध लो

दो किनारे मिले, जैसे दोनों जुड़े

खुल गए हैं सिरे, बोरेया

है मन-मन की बातें, है कस के गिरहा बाँधे

दूरी ना पूरी हो, मितरा

है मन-मन की बातें, कस के गिरहा बाँधे

पानी सा बह जाए, मितरा