ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है
अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में अभी मोहब्बत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है
जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ा रखते हैं नरम अपना
तुम्हारा लहज़ा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है
जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा कि आके बैठे हैं पहली सफ़ में
अभी से उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है
बमों की बरसात हो रही है पुराने जांबाज़ सो रहे हैं
गुलाम दुनिया को कर रहा वो जिसकी ताकत नई-नई है
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है