Kya Din Kya Raat
Garhwali (Uttarakhandi Song)
Narendra Singh Negi Part1
Anuradha Nirala Part2
क्या दिन क्या रात हे जी हो..
क्या दिन क्या रात
कैन नी बींगी कैन नी जाणी
मेरा मने की बात हे जी हो..
मेरा मने की बात हे जी हो..
क्या दिन क्या रात हे जी हो
क्या दिन क्या रात
झुरीं झुरीं पिंगली ह्वेगे
हरीं भरीं गात हे जी हो..
हरीं भरीं गात हे जी हो..
उन त मरजी चा तेरी
सामली ले की भूली जा
तोड़ी करार जाणु छे
जैले पर कबूल जा
जैले पर कबूल जा
बांजा को बगोट हे जी हो
बांजा को बगोट
देखि याली पछ्याणि भी याली
तेरी नजर को खोटु हे जी हो..
फूलों मा देख ऐ गेनी भौंरा ये बरस भी
तेरी मयाली माया कू जिकुड़ी तरसी गी
जिकुड़ी तरसी गे
बांजा को बगोट हे जी हो...
बांजा को बगोट
बाला मन सी साँची माया मा
इन क्या पायी खोट हे जी हो...
ऐंसु बस्ग्याल फिर कुहेड़ी लोंकली
आँखि रोली दण मण जिकुड़ी यखुली डौरली
जिकुड़ी यखुली डौरली
लांबी ह्यूंदै रात हे जी हो
लांबी ह्यूंदै रात
खुदे खुदे की पट मोरी जौलू
छोड़ी न देंया साथ हे जी हो
मेरा ही समणी बैठीं रा
कुछ न कैर कखि न जा
माया खौंला माया लौंला मायादार छ्वीं लगा
मायादार छ्वीं लगा
लांबी ह्यूंदै रात हे जी हो
लांबी ह्यूंदै रात माटा मा मिल जाली काया
तौ भी नी छोड़ू साथ हे जी हो
क्या दिन क्या रात
झुरीं झुरीं पिंगली ह्वेगे
हरीं भरीं गात हे जी हो..
क्या दिन क्या रात
कैन नी बींगी कैन नी जाणी
मेरा मने की बात हे जी हो..