जागे जागे रहते थे खोए खोए रहते थे करते थे प्यार की बातें कभी तन्हाई में कभी पुरवाई में होती थी रोज़ मुलाकातें कितने तेरे करीब था मैं तो तेरा नसीब था होठों पे रहता था हर वक़्त बस नाम तेरा क्या तुम्हे याद है क्या तुम्हे याद है क्या तुम्हे याद है
Jaage Jaage Rehte the (Lofi) by Prashant Kumar - Lyrics & Covers