F:झूला तो पड़ गए ,
अंबुआ की डार पै जी
झूला तो पड़ गए ,
अंबुआ की डार पै जी ,
एजी कोई राधा कूँ,
गोपाला बिन राधा कूँ ,
झुलावे झूला कौन,
झूला तो पड़ गए ,
अंबुआ की डार पै जी ,
M:ओ ओ ओ ओ
धीरज धरि ले ,
मन समझाए ले री ,
एजी अगले सावन में,
हो गोरी अगले सावन मे
झूलेंगे हम संग,
धीरज धर ले ,
मन समझाए ले री ,
F:यूं ...राधा को जीवन
स्याम बिना,
रामायन जैसे
राम बिना,
संग की सहेलियाँ
समझें ना
बात कूँ जी
संग की सहेलियाँ,
समझें ना
बात कूँ जी,
एजी कोई उन बिन,
हमें .... हमें उन बिन,
कछु ना सुहाए,
झूला तो पड़ गए ,
अंबुआ की डार पै जी,
M:इन बागन में,
इन फूलन में,
हम झूलें प्रीत के
झूलन में,
अब ये ही फुलवा,
चुभि रहे सूल से जी,
अब ये ही फुलवा,
चुभि रहे सूल से जी,
एजी इन बागन में,
अकेले इन बागन में ,
पड़े ना अब पाँव,
धीरज धर ले ,
मन समझाए ले री ,
F:मन भावन ये रुत,
सावन की,
कछु सौंपन की ,
कछु पावन की,
बैरी पपियरा ,
पिऊ पिऊ
रटि रयो जी,
बैरी पपियरा,
पिऊ पिऊ
रटि रयो जी,
एजी वो तो जाने ना ,
पपिया बैरी जाने ना,
बिरहनी को हाल,
झूला तो पड़ गए ,
अंबुआ की डार पै जी,
M:ये बिरहा के दिन बीतेंगे,
दो प्यार भरे मन जीतैंगे
बंसी बजेगी ,
उतने ही, चैन की जी,
बंसी बजेगी ,
उतने ही, चैन की जी,
एजी हम जितने ,
अभी हम जितने
रहेंगे बेचैन ,
F:झूला तो पड़ गए ,
अंबुआ की डार पै जी