दिल ने कहा चुपके से
यह क्या हुआ चुपके से
क्यों नए लग रहे हैं
यह धरती गगन मैंने
मैंने पूछा तो बोली यह पगली पवन
प्यार हुआ चुपके से
यह क्या हुआ चुपके से
क्यों नए लग रहे हैं
यह धरती गगन मैंने
पूछा तो बोली यह पगली पवन
प्यार हुआ चुपके से
यह क्या हुआ चुपके से
तितलियों से सुना
तितलियों से सुना मैंने किस्सा बाघ का
बाघ में थी एक कली
शर्मीली ुंचूई
एक दिन मनचले भंवरे आ गया
खिल उठी वह कली पया रूप नया
पोच्चति थी कली
यह मुझे क्या हुआ
फूल हँसे
प्यार हुआ चुपके से
मैंने बदल से कभी
यह कहानी थी सूनी
पर्वतों की एक नदी
मिलने सागर से चली
झूमती घूमती
खो गयी अपने सागर में
जा के नाड़ी देखने
प्यार की ऐसी जादुगरी
चाँद खिला चुपके से
प्यार हुआ चुपके से
यह