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Faraar

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Lyrics
थोड़ा सा गुम

थोड़ा

बीमार रे

शहेर यह बेज़ार रे

फरार रे

मैं फरार रे

मैं हू यहीं थोड़ा सा जुदा जुदा

सरकशी बेशुमार रे

फरार रे

मैं फरार रे

मैं फरार रे फरार रे मैं फरार रे

फरार रे मैं फरार रे फरार रे मैं फरार रे

मज़हब की बातों में

मतलब की बातों में

खोए हुए

झूठी उम्मीदों के

झूठे से ख्वाबों में

सोए हुए

हा

सोए हैं, सोने दो

जगाओं ना इन्हे हो हो

बातों की बातें बातें हैं

अब बढ़ाओ ना इन्हे

हो हो कौन करे

कौन करे

फिर से जतन

अब कौन करे

कोना कोना

मॅन की फिकर

सब झाड़ रे

फरार रे

मैं फरार रे

मैं फरार रे

फरार रे

मैं फरार रे

फरार रे

मैं फरार रे

फरार रे मैं फरार रे

Faraar by Siddharth Pandit/Alok Ranjan Srivastava/Yashika Sikka - Lyrics & Covers