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Roohaniyat 2.0 (Female Vocals)

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Lyrics
फासले दरमियां बढ़ जाए जितने भी

नजदीकियों मे कमी पर आए ना कभी

फासले दरमियां बढ़ जाए जितने भी

नजदीकियों मे कमी पर आए ना कभी

समझ लेना अगर ऐसी राहत है

इश्‍क में शामिल रूहानियत है

इश्‍क में शामिल रूहानियत है

तन्‍हाईयों मे भी तन्‍हा ना हो दिल

हर तरफ उसकी याद हो

आलम हो ऐसा विरानीयों में भी ये अबाद हो

समझ लेना अगर ऐसी हालत है

इश्‍क में शामिल रूहानियत है ओ

इश्‍क में शामिल रूहानियत है ओ...

हो रूह हाजिर क्‍या जिस्‍म है फिर

साथ निभाने के लिए

बाकी नहीं है फिर जिंदगी में

कुछ और पाने के लिए

समझ लेना अगर ऐसी इनायत है

इश्‍क में शामिल रूहानियत है

ओ इश्‍क में शामिल रूहानियत है

Roohaniyat 2.0 (Female Vocals) by Simran Choudhary/Rishabh Srivastava - Lyrics & Covers