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Zara Zara Mehekta Hai

Soumya Mukherjeehuatong
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Lyrics
Recordings
यूँ ही बरस बरस काली घटा बरसे

हम यार भीग जाएँ इस चाहत की बारिश में

मेरी खुली खुली लटों को सुलझाए

तू अपनी उँगलियों से

मैं तो हूँ इसी ख्वाहिश में

सर्दी की रातों में

हम सोये रहें एक चादर में

हम दोनों तन्हाँ हो

ना कोई भी रहे इस घर में

ज़रा ज़रा बहकता है महकता है

आज तो मेरा तन बदन

मैं प्यासी हूँ

मुझे भर ले अपनी बाहों में

ज़रा ज़रा बहकता है महकता है

आज तो मेरा तन बदन

मैं प्यासी हूँ

मुझे भर ले अपनी बाहों मे

ज़रा ज़रा बहकता है महकता है

आज तो मेरा तन बदन

मैं प्यासी हूँ

मुझे भर ले अपनी बाहों में

ज़रा ज़रा बहकता है महकता है

आज तो मेरा तन बदन मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में

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