(लता) ये आँखे देख कर हम सारी
दुनियाँ भूल जाते हैं
ये आँखे देख कर हम सारी
दुनियाँ भूल जाते हैं
इन्हे पाने की
इन्हे पाने की धून में
हर तमन्ना भूल जाते हैं
(सुरेश) तुम अपनी महकी महकी जुल्फ के
पेचों को कम कर दो
तुम अपनी महकी महकी जुल्फ के
पेचों को कम कर दो
मुसाफिर इन में घिरकर अपना रस्ता
भूल जाते.. भूल जाते हैं
ये आँखे देख कर हम सारी
दुनियाँ भूल जाते हैं
ये बाहें जब हमें अपनी
पनाहों में बुलाती हैं
ये बाहें जब हमें अपनी
पनाहों में बुलाती हैं
हमें अपनी कसम
हमें अपनी कसम हम हर सहारा भूल जाते हैं
तुम्हारे नर्म ओ नाज़ूक होंठ
जिस दम मुस्कुराते हैं
तुम्हारे नर्म ओ नाज़ूक होंठ
जिस दम मुस्कुराते हैं
बहारे झेपती हैं, फूल खिलना भूल जाते हैं
ये आँखे देख कर हम सारी
दुनियाँ भूल जाते हैं
बहोत कुछ तुम से कहने की,
तमन्ना दिल में रखते हैं
बहोत कुछ तुम से कहने की,
तमन्ना दिल में रखते हैं
मगर जब सामने आते हैं, कहना भूल जाते हैं
मोहब्बत में ज़ुबान चूप हो तो,
आँखे बात करती हैं
मोहब्बत में ज़ुबान चूप हो तो,
आँखे बात करती हैं
वो कह देती हैं सब बातें जो
कहना भूल जाते हैं
ये आँखे देख कर हम सारी
दुनियाँ भूल जाते हैं
ये आँखे देख कर हम सारी
दुनियाँ भूल जाते हैं
धन्यवाद