आ आ आ
खींची है तुझसे क़िस्मत की लक़ीर
हाथों में दीखता था वो प्यार (हाथों में दीखता था वो प्यार )
तेरी ही आदत कुछ पड़ सी गई
चाहत का कैसा था खुमार
नींद ना आए रातों में क्यों
बिछड़े लम्हो को लौटा दे तू
हो हो हो हो हो हो
जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाकी है (हो हो हो हो)
पलकों में बनके आंसू तू चली आती है (हो हो हो हो)
हो हो हो हो हो हो
दूर जितना भी तू मुझसे
पास तेरे मै
दर्द ही दर्द बाकी रहा है सीने में
सांस लेना भर ही यहाँ जीना नहीं है
जीना नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाकी है
पलकों में बनके आंसू तू चली आती है
जुदा होके भी