तेरे अलावा कोई भी ख़्वाहिश नहीं है बाक़ी दिल में
क़दम उठाऊँ, जहाँ भी जाऊँ, तुझ ही से जाऊँ मिलने
तेरे लिए मेरा सफ़र, तेरे बिना मैं जाऊँ किधर?
वास्ते जाँ भी दूँ, मैं गँवा ईमाँ भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
बदले में मैं तेरे जो ख़ुदा ख़ुद भी दे
जन्नतें, सच कहूँ, छोड़ दूँ
तुम से ज़्यादा मैं ना जानूँ, तुम से खुद को मैं पहचानूँ
तुम को बस मैं अपना मानूँ, माहिया
तुम से ज़्यादा मैं ना जानूँ, तुम से खुद को मैं पहचानूँ
तुम को बस मैं अपना मानूँ, माहिया
वास्ते जाँ भी दूँ, मैं गँवा ईमाँ भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
तू ही है सवेरा मेरा, तू ही किनारा मेरा
तू ही है दरिया मेरा, ख़ुदा का ज़रिया मेरा
तुझी से होता शुरू यही मेरा कारवाँ
तुझी पे जा के ख़तम ये मेरा सारा जहाँ