नैना लगियां बारिशां
ते सूखे-सूखे सपने वी पिज्ज गए
नैना लगियां बारिशां
रोवे पलकां दे कोने विच नींद मेरी
नैना लगियां बारिशां
हान्जू डिगदे ने चोट लगे दिल ते
नैना लगियां बारिशां
रुत बिरहा दे बदलाँ दी छा गयी
काली काली खाली रातों से
होने लगी है दोस्ती
खोया-खोया इन राहों में
अब मेरा कुछ भी नहीं
हर पल हर लम्हां
मैं कैसे सहता हूँ
हर पल हर लम्हां
मैं खुद से ये कहता रहता हूँ
तुझे भुला दिया ओ
तुझे भुला दिया ओ
तुझे भुला दिया ओ
फिर क्यूँ तेरी यादों ने
मुझे रुला दिया ओ
मुझे रुला दिया
दो पल तुझसे जुड़ा था
ऐसे फिर रस्ता मुड़ा था
तुझसे मैं खोने लगा
जुदा जैसे होने लगा
मुझसे कुछ मेरा
तरस्ती हैं निगाहें मेरी, तकती हैं राहें तेरी
चाहिए पनाहें तेरी
ये कैसे मैं बताऊँ तुझे, सोती रहीं आँखें मेरी
कटती नहीं रात मेरी
के ख्वाहिशों पे खबों की
बारिशें अज़ाबों की
कहाँ गयी धुप
मेरे हिस्से के सवाबों की
की दर्द भरे नालों पे
कर करम सवालों पे
क्यूँ सितम है तेरा
तेरे चाहने वालों पे
ऐसा नहीं कहीं कोई, है ग़लतफ़हमी जो बनी है
ख़ोया नहीं अपनापन, एहसास की राह चुनी है
ऐसा नहीं कहीं कोई, है ग़लतफ़हमी जो बनी है
ख़ोया नहीं अपनापन, एहसास की राह चुनी है
सुन्दर सुन्दर
वो हसीना बड़ी
सुन्दर सुन्दर
मैं तो खोने लगा
उसके नशे में बिन
पिए बहेका आह
सुन्दर सुन्दर
वो हसीना बड़ी
सुन्दर सुन्दर
मैं तो खोने लगा
उसके नशे में
बिन पिए बहेका
एक दिन उसे भूला
दूंगा मैं
उसके निशान मिटा
दूंगा मैं
चाहूंगा न
मैं उस पत्थर को
जा उसे बता दे
तेरी यादों में लिख जो लफ्ज़ देते हैं सुनाई
बीते लम्हें पूछते हैं क्यूँ हुए ऐसे जुदा खुदा
खुदा मिला जो ये फासला है
खुदा तेरा ही ये फैसला है
खुदा होना था वो हो गया
जो तुने था लिखा
ऐसा नहीं कहीं कोई, है ग़लतफ़हमी जो बनी है
ख़ोया नहीं अपनापन, एहसास की राह चुनी है