गीत:- लाखों, करोडो प्राणी,
सौजन्य:- अजय वीर
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
संविधान के रचईया
दुनिया से जा रहे है,
संविधान के रचईया
दुनिया से जा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
***संगीत***
हो... लेकर के रात काली,
आया है 6 दिसम्बर,
***
हो... लेकर के रात काली,
आया है 6 दिसम्बर,
छुप छुप के रोये धरती,
आसू बहाये अंबर,
कांधे पे भीमजी की,
अर्थी उठा रहे है....
कांधे पे भीमजी की,
अर्थी उठा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
***संगीत***
आफताब हर एक शय है,
हर आँख डबडबाये,
***
हो......आफताब हर एक शय है,
हर आँख डबडबाये,
मजलुमो का मसीहा,
दुनिया से आज जाये,
करने को भीम दर्शन,
शमशान जा रहे है,
करने को भीम दर्शन,
शमशान जा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
***संगीत***
तुम छोड चले बाबा,
अपना मिशन अधुरा,
***
हो...तुम छोड चले बाबा,
अपना मिशन अधुरा,
इसको तुम्हारे बेटे,
मिलकर करेंगे पुरा,
राही चिता पे तुम्हरी,
सौगंध खा रहे है,
राही चिता पे तुम्हरी,
सौगंध खा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
संविधान के रचईया
दुनिया से जा रहे है,
संविधान के रचईया
दुनिया से जा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
लाखों, करोडो प्राणी,
आसू बहा रहे है,
*****
सौजन्य:- अजय वीर
जय भीम नमो बुद्धाय