मोह मोह
मोह मोह के धागे
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरह ये सुलझे
है रोम रोम एक तारा
है रोम रोम एक तारा
जो बादलों में से गुज़रे
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
तू होगा जरा पागल तूने मुझको है चुना
तू होगा जरा पागल तूने मुझको है चुना
कैसे तू ने अनकहा
तूने अनकहा सब सुना
तू होगा जरा पागल तूने मुझको है चुना
तू दिन सा है मैं रात आना दोनो
मिल जाए शामों की तरह
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
के ऐसा बेपरवाह मन पहले तो ना था
के ऐसा बेपरवाह मन पहले तो ना था
चिट्ठियों को जैसा मिल गया जैसा इक नया सा पता
के ऐसा बेपरवाह मन पहले तो ना था
खाली राहें हम आंख मुंडे जायें
पहुचें कहें तो बेवजह
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे