बचपन मे सोचा था कि बड़ा कुछ करूंगा
पापा के मिडिल क्लास सोच से लडूंगा
दुनिया वाले ने मुझे इतना डराया
देखो आज चार साल कॉलेज मे सडूंगा
क्योकि ये तुम्हे बोलेगे कि जॉब है जरूरी
पहले जॉब आगे फिर शादी फिर दो बच्चे मज़बूरी
कि ऐ है जाने पैसे तेरी कमजोरी
करियर सेक्योरिटी नाम देके बेचते गुलामी
ऐसा लगेगा तुम्हे ये तुम्हारे
शुभचिन्तक है
सपनेा को खाले
रिश्तेदार ऐसे दीमक है
जो खुद ही ना कर पाए
इनकी कीमत है
ना रहमत ना सहमत है
फिर भी जिंदा हॅू गलीमत है
क्यों कि मंजिल की है लालच
डरते हार ने से यू कोई
इनको दे बता प्यार मे सफर से करू
क्योंकि इनको चाहिए जन्नत
बिना स्स्कि लिए क्यों
शायद इनके सपने पूरे नही होते
इनकी चिन्ता भी सजा जहर सा दवा
नौ से पॉच वाली नौकरी है इनने की है दुआ
मेरी गलतियॉ है क्या कोई मुझको
जो मै खुद से बोलू
आगे बढ़ता जा रे
यू ही आगे चलता जा रे
तेरे साथ नही कोई
खुद से बातें करता जा रे
जीत तेरी बातों मे
जो ख्वाब तेरे ऑखों मे
जो खुद से तू ही पाएगा
तू हाथ रख कांधे पे जो
तू आगे बढता जा रे
यू आगे चलता जा रे
तेरे साथ नही कोई
खुद से बाते करता जा रे
ये ढूढे गलतिया बोले जो
मन की आग
फोकस कर तू काम पे
जीत तेरी गालियॉ
चलो ये मैने माना
मेरा फिल्ड Uncertain है
माथे पे जिम्मेदारी
भी तो बढन है
मै पूरी मेहनत कर भी
शायद हार जाऊगा
पर कोशिश भी ना कि
तो जीते जी मर जाऊंगा
पापा के सपने पूर करने पर अपने तरीके
चीजे वो सीखनी लोगो ने
जो बचपन मे सीखे
मेरा फ्यूचर मेरे साथ मेरा हाथ
तेरी जो हालत होगी
तू भी कह ले खुद से
बेटे तू आगे बढ़ता जा रे
तू आगे चलता जा रे
तेरे साथ नही कोई
खुद से बातें करता जा रे
जीत तेरी बातों मे
जो ख्वाब तेरे ऑंखो मे
जो खुद से तू पाएगा
तू हाथ रख ले कांधे पे
तू आगे बढ़ता जा रे
यू ही आगे चलता जा रे
तेरे साथ नही कोई
खुद से बातें करता जा रे
ये ढूढे गलतिया बोले जो
मन की आग
फोकस कर तू काम पे है
जीत तेरी गालियॉ